TRADITIONAL MARKETING Vs DIGITAL MARKETING

ट्रेडिशनल मार्केटिंग और डिजिटल मार्केटिंग में मुख़्य अंतर

ट्रेडिशनल मार्केटिंग  को हम पारंपरिक विपणन भी कह सकते है I यह एक प्रकार का विपणन है जो किसी भी व्यवसाय की सेवाओं और उत्पादों का विज्ञापन करने के लिए मीडिया, टीवी या पत्रिका का उपयोग करता है। पारंपरिक विपणन में बहुत सारे निवेश की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए अच्छा बुनियादी ढांचा और बहुत सारे कर्मचारी। 

एक सफल पारंपरिक मार्केटिंग करने के लिए यह टीम के सदस्य जैसे फील्ड एक्जीक्यूटिव, टेलीकॉलिंग और मैनेजर के निर्णय पर निर्भर करता है। पारंपरिक विपणन में ग्राहक को यात्रा भत्ता और फॉलोअप के संबंध में कंपनी द्वारा अधिक राशि खर्च की जाती है।

पारंपरिक विपणन कर्मचारी के लिए अच्छा नहीं है। लक्ष्य के अनुसार बिक्री नहीं हुई तो नौकरी में खतरा हो सकता है। परंपरागत विपणन में कर्मचारी और प्रबंधन के बीच कोई पारदर्शिता नहीं है। अब मार्केटिंग मे बहुत बदलाव आ गए है । अब ट्रेडिशनल मार्केटिंग डिजिटल मार्केटिंग में परिवर्तित हो चूका है ट्रेडिशनल मार्केटिंग  Version One था और आज डिजिटल मार्केटिंग अपडेटेड वर्जन मे डिजिटल मार्केटिंग का नाम ले चुका हैं।

 

डिजिटल मार्केटिंग:

 यह एक प्रकार का मार्केटिंग है जो विज्ञापन व्यवसायों के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का उपयोग करता है। एक सफल डिजिटल मार्केटिंग को चलाने के लिए बुनियादी ढांचे और अधिक कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है। डिजिटल मार्केटिंग मालिक की बिक्री कौशल क्षमता पर निर्भर करती है। ग्राहक संचार कंपनी के मालिकों के साथ सीधे संपर्क करती है। डिजिटल मार्केटिंग में हम क्लाइंट स्टेटस के सभी विवरण देख सकते हैं। यह पारदर्शी है। डिजिटल मार्केटिंग में किसी यात्रा व्यय की आवश्यकता नहीं है। ग्राहक ऑनलाइन द्वारा उत्पाद खरीद सकते हैं। डिजिटल मार्केटिंग से product अपने customer तक पहुंचने के साथ-साथ उनकी गतिविधियों व उनकी आवश्यकताओं की भी समझ रख सकता हैं ।

 ग्राहकों का interest किस तरफ हैं । customer  क्या चाह रहा हैं । इन सभी पर चर्चा   डिजिटल मार्केटिंग से की जा सकती हैं । डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से अपनी वस्तुए और सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचते है I  मोबाइल फ़ोन , लैपटॉप, इंटरनेट, कंप्यूटर के द्वारा हम ग्राहकों को अपनी सेवाओं कम समय में सहज और सुलभ तरीके से करते है I  कम समय में अधिक लोगों तक पहुंच कर विपणन करना डिजिटल मार्केटिंग है। यह प्रोध्योगीकि विकसित करने वाला विकासशील क्षेत्र है।

डिजिटल मार्केटिंग से लाभ :

डिजिटल मार्केटिंग मे हम बहुत कम समय ज़्यादा लोगों तक पहुच सकते हैंI डिजिटल मार्केटिंग मे हम सारी दुनिया को अपना ऑडियंस और Customer बना सकते हैं । 

डिजिटल मार्केटिंग मे हमारे पास Google ads ओर Facebook ads उपलब्ध हैं । जिसकी सहायता से हम कम से कम 100 रूपए में भी अपना विज्ञापन ऑनलाइन इंटरनेट पर दे सकते हैं । डिजिटल मार्केटिंग में आप अपना Brand Name जल्दी बना सकते हैं ।

 डिजिटल मार्केटिंग अधिक आकर्षक और इंटरैक्टिव है। आप वास्तव में अपने ग्राहकों के साथ बातचीत करने और उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए सोशल मीडिया और ईमेल जैसी tools का उपयोग कर सकते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग से हानि :

डिजिटल मार्केटिंग में  ग्राहक कभी भी आर्डर कर  सकता है I यह २४ ऑवर सर्विस होता है I अगर सर्विस समय  पर डिलीवर नहीं हुई  तो इससे कंपनी का इमेज ख़राब हो जाता है I 

बहुत सारे ग्राहक फीडबैक भी देते है I अगर फीडबैक 4 स्टार रेटिंग से कम हुई तो कंपनी की मार्किट वैल्यू कम हो जातो है I ऐसी स्तिथि में ग्राहक दूसरे कंपनी को सर्च करेगा I 

ऑनलाइन मार्केटिंग में क्लिक fraud का रिस्क बहुत ज्यादा होता है I ऑनलाइन मार्केटिंग में आपकी सुरक्षा और गोपनीयता का खतरा बना रहता है।

डिजिटल मार्केटिंग के मुख्य तरीके :

 [1] सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन [SEO]

  जब हम अपनी वेबसाइट बनाते है तो अपनी वेबसाइट को Optimize करना पड़ता है गूगल के Algorithm के हिसाब से ताकि गूगल हमारी वेबसाइट को इंडेक्स कर सके और ये पता लगा सके की आपका प्रोडक्ट और सर्विस क्या है जब भी कोई कस्टमर गूगल पे Search करे तो सबसे पहले आपकी वेबसाइट गूगल के फ्रंट पेज पर आ सके  और हम ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस तक पहुंच सके I

[2] सोशल मीडिया मार्केटिंग [SMM]

 सोशल मीडिया कई वेबसाइट से मिलकर बना है – जैसे Facebook, Twitter, Instagram, LinkedIn, आदि । सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्ति अपने विचार हजारों लोगों के सामने रख सकता हैI

[3] ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing)

ई-मेल से हम किसी भी कंपनी के products को ई-मेल के द्वारा पहुंचाना ई-मेल मार्केटिंग कहलाता हैं । ईमेल मार्केटिंग हर कंपनी के लिये जरूरी हो गए हैं क्योकी कंपनी समय-समय पर नये प्रस्ताव और कुछ मुफ़्त प्रलोभन ग्राहको को देती हैं जिससे उनका पुराना customer वापिस आकार कोई ना कोई प्रोडक्ट खरीद ही लेता हैं । इसके लिए ईमेल मार्केटिंग एक सही तकनीक हैं ।

[4] यूट्यूब चेनल (YouTube Channel)

 ये वो माध्यम है जहां बहुत से लोगो की भीड़ रह्ती है या यूं कह लिजिये की बड़ी सन्ख्या में users/viewers यूट्यूब पर रह्ते हैं। ये अपने उत्पाद को लोगों के समक्ष वीडियो बना कर दिखाने का सुलभ व लोकप्रिय माध्यम है।

[5] अफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing)

 डिजिटल मार्केटिंग मे हम किसी और के Products का विज्ञापन अपनी वेबसाइट, ब्लोग या लिंक के माध्यम से कर सकते हैं । अगर कोई आपके लिंक से कोई भी product खरीदता हैं । तो जिस कंपनी का आप विज्ञापन कर रहे हैं । वो आपको कुछ direct commission देती हैं जो 5% से लेकर 50% तक का भी हो सकता हैं । ये % कंपनी तय करती हैं । यह मार्केटिंग Strategy आपका एक अच्छी आय का साधन बन सकता हैं । इसे ही अफिलिएट मार्केटिंग कहा जाता हैं ।

[6]  पे पर क्लिक मार्केटिंग (Pay Per Click Marketing)

आप सब ने ऐसे बहुत से विज्ञापनो को Facebook और YouTube पर देखा होगा कुछ समय के बाद ads देखने को मिलती हैं । ये सारी ads paid होती हैं । इनके लिए आपको भुगतान करना पड़ता हैं । उसे ही पे पर क्लिक मार्केटिंग और ऐडवर्टीजमेंट कहा जाता हैं । 

[7] एप्स मार्केटिंग (Apps Marketing)

 आजकल 90% लोग सब android फोन का इस्तेमाल करते हैं। हम सब कोई ना कोई application का use करते है। जैसे payment करने के लिए google pay, शॉपिंग के लिए amazon बहुत सी ऐसी application Google play Store पर उपलब्ध हैं । कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता हैं । बस आपके पास इंटरनेट का एक्सेस होना चाहिए। बड़ी-बड़ी कंपनी अपने एप्स बनाती हैं और एप्स को लोगों तक पहुंचाती हैं । एप्स पर अपने उत्पाद का प्रचार करने को ऐप्स मार्केटिंग कहते हैं।

[8] कंटेंट मार्केटिंग (Content Marketing)

Content marketing ऐसी मार्केटिंग हैं जिसके द्वारा कंपनियां अपने प्रोडक्ट पर एक कंटेंट तैयार करती हैं और अधिक से अधिक ऑडियंस को अपने प्रोडक्ट की ओर आकर्षित करते है I कंटेंट Text, इमेज, विडियो, ऑडियो, इन्फोग्रफिक्स आदि रूपों में हो सकता है।  

ट्रेडिशनल मार्केटिंग के मुख्य तरीके :

[1] सार्वजनिक स्थान पर मार्केटिंग (Marketing in a public place)

 आपने जरूर कभी न कभी सार्वजनिक स्थान पैफलेट बिजनेस कार्ड या बिलबोर्ड्स देखने को मिले होंगे ये सब मार्केटिंग के ही टूल है।

 [2] प्रिंट मीडिया (Print Media) :

ट्रेडिशनल मार्केटिंग मे जब हमे घर घर तक कोई संदेश पहुचना होता हैं। तो हम प्रिन्ट मीडिया का सहारा लेते हैं । इसमें समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पोस्टर, पैम्फलेट आदि शामिल हैं । इस प्रकार के प्रिंट मीडिया विज्ञापन से ही पैसे कमाते हैं ।

[3] बिज़नेस कार्ड मीटिंग (Business Card Marketing)

एक बिजनेस कार्ड सबसे सस्ते और मूल्यवान मार्केटिंग टूल में से एक है यह आपकी कंपनी की पहचान को स्थापित करता है और कम्पनी के बारे में उचित जानकारी प्रदान करने पर मार्केटिंग टूल के रूप में कार्य करता हैI 

[4] टेलीमार्केटिंग (Telemarketing) :

Telemarketing ववासायियो या विक्रेताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली एक मार्केटिंग तकनीक है।  जिसमे वे किसी प्रोडक्ट या सर्विस के लिए संभावित खरीददारों या ग्राहकों से संपर्क करते है telemarketing को टेलीकालिंग के रूप में भी जाना जाता है।

[5] प्रसारण (Broadcasting):

पहले के समय मे हम ads को टीवी पर देखते और रेडियो पर सुनते थे। जो हमे मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान, सूचना, समाचार की सारी जानकारी प्रदान करता हैं । ये सब आजकल भी संभव हैं । अब इसका इतना असर देखने को नहीं मिलता है । अब ये सब Customer YouTube or Facebook पर जाने लगा हैं ।

निष्कर्ष (Conclusion):

मार्केटिंग ट्रडिशनल हो या डिजिटल किसी भी व्यापार के लिए बहुत जरूरी हैं। मार्केटिंग का एक ही मकसद होता हैं । कंपनी की Brand Image, Revenue और Profit कमाना होता हैं। ट्रेडिशनल मार्केटिंग बहुत मेंहगा और डिजिटल मार्केटिंग सस्ता साबित हो रहा हैं । आजकल डिजिटल मार्केटिंग से कम समय मे ज़्यादा लोगों तक पहुच कर व्यापार को बढ़ाया जा सकता हैं । इसके उपयोग से सभी लोग आय के नए-नए तरीके निकाल कर अपने जीवन मे पैसों की समस्या को दूर कर सकते हैं ।